Rajasthan Mock Drill: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर अचानक आपके शहर में अंधेरा छा जाए और सायरन की आवाज गूंजने लगे तो कैसा लगेगा? ऐसा नजारा 7 मई 2025 को राजस्थान के 28 शहरों में देखने को मिलेगा, जब केंद्र सरकार के निर्देश पर एक युद्ध जैसी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस दौरान सायरन बजते ही आधे घंटे का ब्लैकआउट होगा और लोग घरों या सुरक्षित स्थानों में रहेंगे। यह सबकुछ युद्धकालीन आपात स्थिति से निपटने की तैयारी का हिस्सा है।
जयपुर से जैसलमेर तक सायरन अलर्ट, ड्रोन पर रोक

जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, कोटा, श्रीगंगानगर जैसे प्रमुख शहरों में सोमवार से मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जैसलमेर और जोधपुर में सिविल डिफेंस टीम ने मैनुअल हूटर्स और सायरनों की टेस्टिंग कर ली है। श्रीगंगानगर में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। यही नहीं, स्कूलों और हॉस्टलों में भी बच्चों को सायरन सुनते ही सतर्क रहने का अभ्यास कराया जा रहा है।

28 शहरों को तीन संवेदनशीलता श्रेणियों में बांटा गया
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के लिए राजस्थान के शहरों को तीन कैटेगरी में बांटा है। सबसे संवेदनशील कैटेगरी में कोटा और रावतभाटा को रखा गया है, जहां न्यूक्लियर और थर्मल पावर प्लांट्स स्थित हैं। दूसरी कैटेगरी में जयपुर समेत 18 शहर हैं, जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने गए हैं। तीसरी कैटेगरी में 8 शहर हैं जिन्हें सबसे कम संवेदनशील माना गया है, लेकिन वहां भी ब्लैकआउट और सायरन जैसी प्रक्रिया लागू की जाएगी।
जयपुर में 4 बजे बजेगा सायरन, 2 दर्जन जगहों पर ड्रिल
राजधानी जयपुर में 7 मई को शाम 4 बजे चेतावनी सायरन बजाया जाएगा। यहां कलेक्ट्रेट, शास्त्री नगर, पावर हाउस, एमआई रोड, घाटगेट सेंट्रल जेल, सचिवालय और राजभवन जैसे क्षेत्रों में मॉक ड्रिल होगी। शहर के विभिन्न इलाकों में सायरन के साथ पब्लिक को सतर्क किया जाएगा और बिजली गुल कर दी जाएगी, ताकि आपातकालीन स्थितियों में रेस्पॉन्स सिस्टम की प्रभावशीलता जांची जा सके।
बांसवाड़ा में धमाके की सूचना पर इमरजेंसी रिस्पॉन्स
बांसवाड़ा में मॉक ड्रिल के दौरान कंट्रोल रूम से यह सूचना दी गई कि कागदी पिकअप वियर गेट पर धमाका हुआ है। इस सूचना पर सीआईडी, पुलिस, प्रशासन और मेडिकल टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और आपात सेवाएं सक्रिय की गईं। खुद कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव, एडीएम और एसपी ने ड्रिल की निगरानी की। यह दिखाता है कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि असली खतरे से निपटने की तैयारी कर रही है।