Royal Wedding: मारवाड़ी शादियाँ अपनी रिवायतों, रंगीन परंपराओं और भव्यता के लिए मशहूर हैं। इन शादियों में हर रस्म का अपना एक खास महत्व होता है। आइए जानते हैं मारवाड़ी शादी कैसे होती है और इसमें कौन-कौन सी रस्में निभाई जाती हैं:
1. रोका और सगाई (Roka and Engagement)
- रोका: यह शादी की पहली रस्म होती है, जिसमें दोनों परिवार एक-दूसरे को स्वीकार करते हैं। दूल्हा और दुल्हन को उपहार और मिठाई दी जाती है।
- सगाई: दूल्हा-दुल्हन अंगूठियों का आदान-प्रदान करते हैं। इस दौरान परिवार के लोग और करीबी रिश्तेदार शामिल होते हैं।
2. Royal Wedding: गणेश पूजन (Ganesh Poojan)
Royal Wedding: शादी की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है। इसे शुभ माना जाता है ताकि शादी में कोई बाधा न आए।
2.1 कुंवारा भोज: परंपरा की शुरुआत ( Bandoli )
Royal Wedding: मारवाड़ी शादियों की शुरुआत होती है कुंवारा भोज से, जो दूल्हे के घर पर आयोजित किया जाता है। जिसे आम भाषा में बन्दोली कहा जाता हैं, इस रस्म में केवल अविवाहित लड़कों को आमंत्रित किया जाता है और उन्हें पारंपरिक भोजन परोसा जाता है। कुंवारा भोज का उद्देश्य शादी की तैयारियों का शुभारंभ और परिवार में सामूहिक भागीदारी को दर्शाना है।
यह रस्म सदियों पुरानी परंपरा है, जो यह सुनिश्चित करती है कि शादी के पहले हर काम शुभ और मंगलमय तरीके से शुरू हो। इस भोज में कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं, जो मारवाड़ी खानपान की समृद्धता को दिखाते हैं।
3. मेहंदी और हल्दी (Mehendi and Haldi)
Royal Wedding: मारवाड़ी शादियों का असली मजा संगीत और मेहंदी से शुरू होता है। संगीत समारोह में दोनों परिवार मिलकर नाचते-गाते हैं और शादी की खुशी को सेलिब्रेट करते हैं। यह आयोजन आमतौर पर भव्य पैमाने पर होता है, जहां पारंपरिक गीतों और डांस परफॉर्मेंस का आयोजन किया जाता है।
Royal Wedding: दूसरी ओर, मेहंदी समारोह में दुल्हन और उसके परिवार की महिलाएं मेहंदी लगवाती हैं। मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, उसे दुल्हन के जीवन में उतना ही शुभ माना जाता है। यह दोनों समारोह शादी की रौनक को चार चांद लगा देते हैं।
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- मेहंदी समारोह: दुल्हन और दूल्हे के घर पर मेहंदी लगाई जाती है। यह रस्म खुशियों और रंगों का प्रतीक होती है।
- हल्दी: हल्दी का लेप दूल्हा-दुल्हन को लगाया जाता है। यह उनकी त्वचा को निखारने और बुरी नजर से बचाने के लिए किया जाता है।
4. विवाह संस्कार और रस्में
Royal Wedding: विवाह संस्कार मारवाड़ी शादी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें शादी की रस्में पारंपरिक तरीके से पंडित द्वारा संपन्न की जाती हैं। बारात की शानदार एंट्री, जयमाला और फिर सात फेरे इस दिन की खास झलक होती हैं। सात फेरों के दौरान दूल्हा-दुल्हन अग्नि को साक्षी मानकर सात वचन लेते हैं।
इन रस्मों के साथ-साथ परिवार के बड़े-बुजुर्ग अपने अनुभव और आशीर्वाद देकर इस बंधन को और मजबूत बनाते हैं। मारवाड़ी शादी में हर रस्म का अपना एक आध्यात्मिक और पारिवारिक महत्व होता है, जो इसे और खास बनाता है।
बन्ना-बन्नी गीत (Traditional Songs)
Royal Wedding: शादी से पहले महिलाएँ पारंपरिक बन्ना-बन्नी गीत गाती हैं। ये गीत शादियों की रौनक बढ़ाते हैं और परिवार में खुशी का माहौल बनाते हैं।
बारात और घोड़ी चढ़ाई (Baraat and Ghodi Chadna)
- दूल्हा पारंपरिक पोशाक पहनकर घोड़ी पर सवार होता है।
- बारात में परिवार और दोस्त डीजे पर नाचते-गाते दुल्हन के घर जाते हैं।
जयमाला और मंडप (Jaimala and Mandap)
- जयमाला: दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को माला पहनाते हैं।
- मंडप: अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए जाते हैं, और दोनों एक-दूसरे का साथ निभाने की कसम खाते हैं।
5. विदाई (Vidaai)
शादी के बाद दुल्हन अपने परिवार से विदा होती है। यह रस्म भावुक होती है, क्योंकि दुल्हन अपना घर छोड़कर दूल्हे के घर जाती है।
विदाई मारवाड़ी शादी का सबसे भावुक पल होता है। इस रस्म में दुल्हन अपने माता-पिता और परिवार से विदा लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत के लिए ससुराल जाती है। यह पल जितना खास होता है, उतना ही भावुक भी, क्योंकि यह परिवार और दुल्हन के लिए एक नई यात्रा का प्रतीक होता है।
विदाई के दौरान परंपरागत गीत गाए जाते हैं, जो इस पल को और भी यादगार बना देते हैं। यह रस्म न केवल परिवारों के बीच प्यार और सम्मान को दर्शाती है, बल्कि एक नई शुरुआत के लिए सभी का आशीर्वाद भी देती है।
6. गृह प्रवेश (Griha Pravesh)
दूल्हे के घर पहुँचने पर दुल्हन का स्वागत होता है। उसे शुभ माना जाता है, और कई परंपराओं के तहत दुल्हन घर में प्रवेश करती है।
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मारवाड़ी शादियों में पारंपरिक रिवाजों के साथ-साथ आधुनिकता की झलक भी देखने को मिलती है। इन शादियों की भव्यता और रस्मों को देखना किसी यादगार अनुभव से कम नहीं होता। 😊