Shergarh News: राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस विनीत कुमार माथुर की बेंच ने राज्य सरकार के तीन नए राजस्व गांवों को घोषित करने के आदेश पर रोक लगाई है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह प्रक्रिया राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 के प्रावधानों और नियमों के खिलाफ थी।
क्या है मामला?
शेरगढ़ तहसील के राजस्व ग्राम खिरजा भोजा को तीन नए गांवों में विभाजित किया गया था। इन गांवों के नाम थे:
- पृथ्वीराज सिंह नगर
- लादानी नगर
- हड़मतसिंह नगर
Shergarh News: याचिकाकर्ता डूंगरसिंह और अन्य ग्रामीणों ने अदालत में इस अधिसूचना को चुनौती दी। उन्होंने आरोप लगाया कि नए गांवों के नाम व्यक्ति विशेष और उनके पूर्वजों पर रखे गए हैं, जो कि अधिनियम के नियमों का उल्लंघन है।
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Shergarh News: नियमों की अनदेखी का आरोप
याचिका के अनुसार, राजस्व विभाग ने नए गांवों की घोषणा के दौरान आवश्यक मापदंडों जैसे कि:
- आबादी का स्तर
- चरागाह और सिवाय चक जमीन
- मूलभूत सुविधाओं का विस्तार
को नजरअंदाज कर दिया।
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ग्रामीणों की आपत्तियों पर कोई सुनवाई नहीं
Shergarh News: ग्रामीणों ने लिखित में अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थीं, लेकिन उन्हें अनदेखा कर दिया गया। आरोप है कि स्थानीय विधायक के दखल के कारण यह प्रक्रिया पूरी की गई।
Shergarh News: राजनीतिक लाभ का आरोप
Shergarh News: याचिका में यह भी दावा किया गया कि नए गांवों का निर्माण राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित था।
राज्य सरकार ने अधिसूचना 10 जनवरी 2025 को जारी की, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे 14 फरवरी 2025 तक के लिए रोकते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
Shergarh News: हाईकोर्ट का आदेश
Shergarh News: हाईकोर्ट ने कहा कि नए राजस्व गांवों की घोषणा में भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 16 के तहत आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इस वजह से आदेश पर रोक लगाई गई है।
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निष्कर्ष
यह मामला स्पष्ट करता है कि किसी भी अधिसूचना या सरकारी फैसले को नियमों और मापदंडों के खिलाफ जाकर लागू नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट का फैसला इस बात का उदाहरण है कि न्यायपालिका नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए तत्पर है।
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