मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भारत के कुछ राज्यों में एक बार फिर तूफान का खतरा लौट रहा है। इसके चलते कई क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। आगामी दिनों में यह तूफान कुछ इलाकों में तबाही मचा सकता है। महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल जैसे तटीय राज्यों के लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश इन क्षेत्रों में जनजीवन को प्रभावित कर सकती है। वहीं, इस दौरान समुद्र में उठने वाली ऊँची लहरें भी मछुआरों के लिए खतरा बन सकती हैं, इसलिए मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में जाने से परहेज करने का निर्देश दिया गया है।
प्रभावित राज्यों में संभावित खतरे और एहतियाती कदम
तूफान के चलते महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल जैसे तटीय राज्यों में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। भारी बारिश के कारण इन क्षेत्रों में जलभराव, बाढ़, और भूस्खलन जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सड़कों और रेल यातायात में अवरोध हो सकता है। मौसम विभाग ने इन राज्यों के प्रशासन को सूचित किया है कि बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की तैयारी रखी जाए।
इसके साथ ही, बिजली और संचार सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सेवाओं में रुकावट आ सकती है। राज्य सरकारें आपातकालीन हेल्पलाइन और राहत शिविरों की व्यवस्था कर रही हैं, ताकि स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।
तूफान के लौटने के कारण और उसके प्रभाव
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, तूफान का लौटना समुद्री तापमान में बढ़ोतरी और वायुमंडलीय अस्थिरता का परिणाम है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के गर्म होने से हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे तूफान की संभावना बढ़ती है। यह स्थिति विशेष रूप से मानसून के बाद के महीनों में अधिक देखी जाती है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि इस तूफान के चलते पश्चिमी तट और पूर्वी राज्यों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है।
इसके अलावा, राज्य सरकारों ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा है और संभावित प्रभावित क्षेत्रों में राहत दलों की तैनाती शुरू कर दी गई है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे तूफान की चेतावनियों का पालन करें और जरूरी न हो तो यात्रा से बचें।